बांग्लादेश बनने वाला है भारत के लिए नया सिरदर्द? 1971 के बाद पहली बार पाकिस्तानी सेना ढाका में लौटने का बना रही प्लान

नई दिल्ली: पाकिस्तान के बाद अब पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश भारत के लिए नया सिरदर्द बनता जा रहा है। पाकिस्तानी सेना ने 1971 के बाद पहली बार बांग्लादेश के साथ समझौता किया है। इस समझौते के तहत वह बांग्लादेशी सेना को ट्रेनिंग देगी। यह ट्रेनिंग फरवरी 202

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नई दिल्ली: पाकिस्तान के बाद अब पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश भारत के लिए नया सिरदर्द बनता जा रहा है। पाकिस्तानी सेना ने 1971 के बाद पहली बार बांग्लादेश के साथ समझौता किया है। इस समझौते के तहत वह बांग्लादेशी सेना को ट्रेनिंग देगी। यह ट्रेनिंग फरवरी 2025 से शुरू होगी। पाकिस्तान के मेजर जनरल रैंक के अफसर बांग्लादेशी सेना को ट्रेनिंग दे सकते हैं। यह ट्रेनिंग बांग्लादेश के चार छावनियों में होगी। पहली ट्रेनिंग मयमेंसिंह छावनी में होगा। यहां बांग्लादेशी सेना की ट्रेनिंग और कमान हेडक्वार्टर है।

भारत विरोधी विचारधारा को लग सकते हैं नए पर

यह समझौता पाकिस्तान आर्मी के ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के चेयरमैन जनरल एस. समशाद मिर्जा के प्रस्ताव पर हुआ है। पहला ट्रेनिंग प्रोग्राम एक साल तक चल सकता है। बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच यह सैन्य सहयोग यूनुस सरकार के पाकिस्तान से रिश्ते बेहतर करने की कोशिशों का नतीजा है। इससे भारत विरोधी विचारधारा फिर से फैल सकती है। बांग्लादेश में अवामी लीग के शासन और नए अफसरों के आने से यह विचारधारा कम हुई थी।

कभी बांग्लादेशी सेना में था पाकिस्तानी ट्रेन्ड अफसरों का बोलबाला

आज़ादी के बाद के 20 सालों तक, बांग्लादेशी सेना में पाकिस्तान में ट्रेन्ड अफसरों का बोलबाला था। जनरल जियाउर रहमान और लेफ्टिनेंट जनरल एच.एम. इरशाद जैसे अफसर इसके उदाहरण हैं। ये दोनों बाद में बांग्लादेश के राष्ट्रपति बने। इन्हीं अफसरों की वजह से बांग्लादेशी सेना में भारत विरोधी विचारधारा फैली।

चार छावनियों में होगी ट्रेनिंग

हालांकि, लेफ्टिनेंट जनरल एच.एम. इरशाद भारत के नेशनल डिफेंस कॉलेज के पूर्व छात्र भी थे। उनके भारत के नेताओं से अच्छे रिश्ते थे। लेकिन, पाकिस्तान द्वारा प्रशिक्षण फिर से शुरू होने से बांग्लादेशी सेना में भारत विरोधी भावनाओं के फिर से उभरने का खतरा है। यह प्रशिक्षण बांग्लादेश के मयमेंसिंह, समेत चार छावनियों में दिया जाएगा।

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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